भगवान और इनसान
मिट्टी की मूर्तियाँ बनाने वाला कलाकार ईश्वर से कहता है…..
हे प्रभु ! तू भी एक कलाकार है और मैं भी एक कलाकार हूँ,
तूने मुझ जैसे असंख्य बुत बनाकर इस धरती पर भेजे हैं,
और मैंने तेरे असंख्य बुत बना कर इस घरती पर बेचे हैं ।
पर ईश्वर उस समय बड़ी शर्म आती है, जब तेरे बनाए हुए बुत आपस में लड़ते हैं,
और मेरे बनाये हुए बुतों के सामने लोग शीश झुकाते हैं ।
(मंजु)
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