वे ऐसे उपकरणों के घातक परिणाम जानते थे, इसलिये शायद नहीं बताया हो ।
Share this on...
One Response
भगवान् का ज्ञान ही नहीं बल्कि केवलज्ञान था।जो सकल चराचर जगत् को दर्पण में झलकते प़तिबिंब की तरह एक साथ स्पष्ट जानता है वही केवलज्ञान है।यह ज्ञान चार घातिय कमोँ के नष्ट होने पर आत्मा में उत्पन्न होता है।आजकल के उपकरण जो आये हैं वह जिन्दगी को घातक बनाते हैं।अतः धर्म ही वह उपकरण है जो जिन्दगी को आत्मा से परमात्मा बनाने में सहायक है।
One Response
भगवान् का ज्ञान ही नहीं बल्कि केवलज्ञान था।जो सकल चराचर जगत् को दर्पण में झलकते प़तिबिंब की तरह एक साथ स्पष्ट जानता है वही केवलज्ञान है।यह ज्ञान चार घातिय कमोँ के नष्ट होने पर आत्मा में उत्पन्न होता है।आजकल के उपकरण जो आये हैं वह जिन्दगी को घातक बनाते हैं।अतः धर्म ही वह उपकरण है जो जिन्दगी को आत्मा से परमात्मा बनाने में सहायक है।