भगवान / भक्त
कलयुग (पंचमकाल) में भगवान तो नहीं बन सकते, उसके लिये तो बहुत परिश्रम/ त्याग करना होता है;
पर भक्त बनना आसान है, बस समर्पण करना होता है।
मुनि श्री सुधासागर जी
कलयुग (पंचमकाल) में भगवान तो नहीं बन सकते, उसके लिये तो बहुत परिश्रम/ त्याग करना होता है;
पर भक्त बनना आसान है, बस समर्पण करना होता है।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि कलयुग यानी पंचमकाल में भगवान तो नहीं बन सकते हैं, जिसमें अपने विकारों को समाप्त करना होगा,,इसके लिए बहुत परिश्रम एवं त्याग करना होता है। लेकिन फिर भी मुनि महाराज मोक्ष मार्ग पर चल रहे हैं। अतः भक्त बनना आसान है लेकिन उसके लिए श्रद्वा एवं समर्पण होना परम आवश्यक है।