भारत

अनुवाद (अनु = Follow + वाद = वचन ) नाम का कभी नहीं होता ।
दुर्भाग्य – भारत को India करने का क्या Justification था!
नाम से संस्कृति ही बदल दी ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

(अनुवाद = दोहराना – शाब्दिक अर्थ; जैसे गुणानुवाद प्राय: एक भाषा से दूसरी भाषा के लिए प्रयोग होता है पर नाम तो संज्ञा है/पहचान है – कमल कांत जैसवाल)

Share this on...

One Response

  1. भारत का नाम भरतचक़वर्ती के समय से ही प़चलित हुआ था,उसी समय से भारतीय संस्कृति कही जाती रही है।जब अंग्रजों का शासन काल आया था तभी से भारत को इंडिया कहा गया है। भारत का अनुवाद इंडिया रखा गया है, यह भारत का दुर्भाग्य है कि अभी तक शासन द्वारा इस नाम का बदलाव नहीं किया गया है। अनुवाद एक भाषा से दुसरी भाषा में प़योग किया जाता है। दुनिया में सभी देशों के नाम उसी भाषा में रखा गया है, लेकिन अपने देश का नाम इंडिया ही रखा है,जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने भी शासन से नाम बदलने को कहा है। भारत ही भारतीय संस्कृति का सूचक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.

Archives

Archives

November 26, 2021

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728