मंज़िल
कितना चल लिये मत पूछो, कितना चलना है, यह भी मत पूछो;
बस नीचे निगाह करते हुये (जीव रक्षा करते हुये) चलते रहो, मंज़िल अपने आप सामने आ जायेगी ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
कितना चल लिये मत पूछो, कितना चलना है, यह भी मत पूछो;
बस नीचे निगाह करते हुये (जीव रक्षा करते हुये) चलते रहो, मंज़िल अपने आप सामने आ जायेगी ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी