आरंभ हो और अंत न हो, मन इतना भी स्वतंत्र न हो…;
व्यथित हो और शब्द न हो, मन इतना भी परतंत्र न हो…।
🙏🏻(सुरेश)🙏🏻
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One Response
मन का मतलब नाना प्रकार के विकल्प जाल है।मन को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।
अतः आरंभ हो पर अंत न हो,मन इतना स्वतंत्र नहीं होना चाहिए,
व्यथित हो शब्द न हो, मन इतना परतंत्र नहीं होना चाहिए। अतः आवश्यक है कि धैर्य पूर्वक मन को नियंत्रित किया जा सकता है।
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मन का मतलब नाना प्रकार के विकल्प जाल है।मन को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।
अतः आरंभ हो पर अंत न हो,मन इतना स्वतंत्र नहीं होना चाहिए,
व्यथित हो शब्द न हो, मन इतना परतंत्र नहीं होना चाहिए। अतः आवश्यक है कि धैर्य पूर्वक मन को नियंत्रित किया जा सकता है।