पहले अपने मन पर नियंत्रण करें,
फ़िर अपने माता-पिता/गुरु की नज़र में महान बनें ।
बस! फ़िर किसी और की चिंता मत करना, कोई महान माने या ना माने ।
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One Response
उक्त कथन सत्य है कि पहले अपने मन पर नियंत्रण करना है, फिर अपने माता-पिता और गुरु की नजरों में महान बनना आवश्यक है। यदि इन जगह खरे उतरते हैं तो किसी चिंता नहीं करना चाहिए,चाहे कोई महान मानें या नहीं मानें।
अतः महान व्यक्ति वही होता है जिसका चारित्र अच्छा हो और माता-पिता और गुरु के प्रति श्रद्वान और समपर्ण के भाव होना चाहिए।
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उक्त कथन सत्य है कि पहले अपने मन पर नियंत्रण करना है, फिर अपने माता-पिता और गुरु की नजरों में महान बनना आवश्यक है। यदि इन जगह खरे उतरते हैं तो किसी चिंता नहीं करना चाहिए,चाहे कोई महान मानें या नहीं मानें।
अतः महान व्यक्ति वही होता है जिसका चारित्र अच्छा हो और माता-पिता और गुरु के प्रति श्रद्वान और समपर्ण के भाव होना चाहिए।