पांच पहर धंधा किआ,
तीन पहर* गये सोय,
एकौ घड़ी ना हरि भजे,
मुक्ति कहाँ से होए !
पहर = 3 घंटे
(नरेश सैनी)
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यह कथन सत्य है कि जीवन में समय धन्धे और सोने में निकल जाता है लेकिन लोग जीवन में भगवान् को याद नहीं करते हैं ,उनको मुक्ती प़ाप्त होना मुश्किल होगा।अतः जीवन में भगवान् को हमेशा याद करना चाहिए ताकि मुक्ती प़ाप्त मिल सकती है।
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यह कथन सत्य है कि जीवन में समय धन्धे और सोने में निकल जाता है लेकिन लोग जीवन में भगवान् को याद नहीं करते हैं ,उनको मुक्ती प़ाप्त होना मुश्किल होगा।अतः जीवन में भगवान् को हमेशा याद करना चाहिए ताकि मुक्ती प़ाप्त मिल सकती है।