साधु की भक्ति देख, प्रियजन डरते/चिड़ाते हैं कि साधु बन जायेगा, पर भगवान की भक्ति करते समय नहीं, ऐसा क्यों ?
क्योंकि साधु बनने की तो संम्भावना है जबकि भगवान बनने की नहीं ।
चिंतन
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4 Responses
यह कथन सही है कि लोग मुनि-भक्ती देख कर डरता है कि उसे मुनि बनना पड़ेगा।यदि भगवान् बनना है तो मुनि बनना ही पड़ेगा।अतः मुनि-भक्ती करना चाहिए ताकि मुनि बन कर ही भगवान् बनने का मार्ग है।
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यह कथन सही है कि लोग मुनि-भक्ती देख कर डरता है कि उसे मुनि बनना पड़ेगा।यदि भगवान् बनना है तो मुनि बनना ही पड़ेगा।अतः मुनि-भक्ती करना चाहिए ताकि मुनि बन कर ही भगवान् बनने का मार्ग है।
Magar, “bhagwan” banane ki sambhavana bhi to hoti hai?
मुनि बनने की तुलना में भगवान बनने की सम्भावना तो negligible ही है, पंचम काल में तो zero.
Okay.