मैं

यूँ ही एक छोटी सी बात पे,
ताल्लुकात पुराने बिगड़ गए,
मुद्दा ये था कि सही “क्या” है ?
और वो सही “कौन” में उलझ गए ।

(मेहुल)

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One Response

  1. यह कथन बिलकुल सही है… आजकल, “मैं” कोई​ समझता नहीं है, तभी परेशान होते रहते हैं ।”मैं”, यानि अपनी आत्मा की पहचान ज़रूरी है; तभी परमात्मा बनने के रास्ते खुल जाते हैं ।

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