मोह
मोह तथा चुम्बक अपने क्षेत्र में हर किसी को आकर्षित कर लेते हैं,
आत्मा भी शरीर के साथ मोहवश ही रहती है।
पर वैराग्य के क्षेत्र में मोह असफल हो जाता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
मोह तथा चुम्बक अपने क्षेत्र में हर किसी को आकर्षित कर लेते हैं,
आत्मा भी शरीर के साथ मोहवश ही रहती है।
पर वैराग्य के क्षेत्र में मोह असफल हो जाता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है मोह तथा चुम्बक अपने क्षेत्र में हर किसी को आकर्षित कर लेते हैं जबकि आत्मा शरीर के साथ मोहवश ही रहती है! पर वैराग्य के क्षेत्र में मोह असफल हो जाता है! अतः जीवन में वैराग्य के लिए मोह का त्याग करना परम आवश्यक है!