यात्रा

संसार रूपी वृत से, बिंदु रूपी स्वयं की ओर आने की यात्रा ही सार्थक है ।
संसार को समेटने की इच्छा से, अपने आप में सिमटना है ।

चिंतन

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8 Responses

    1. बिंदु (स्वयं) को Circle (संसार) चारों ओर से घेरे रहता है।
      आध्यात्मिक यात्रा की सार्थकता यही तो है-
      संसार के circle को छोटा छोटा करते हुए अपने तक सिमटना ।

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