योग / कषाय

आश्रव योग से, बंध कषाय से ।
सो पहले कषाय (कम करते करते) समाप्त करो ।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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One Response

  1. आश्रव का मतलब पाप रुप कर्मों के आगमन को कहते हैं। कषाय का मतलब आत्मा में होने वाली क़ोधादि रुप कलुषता को कहते हैं।योग का मतलब मन वचन काय के द्वारा होने वाले आत्म प़देशो के परिस्पदन को कहते हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि आश्रव योग से, जबकि बंध कषाय से होता है, इसलिए सबसे पहले कषाय कम करते करते समाप्त करना आवश्यक है।

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