मरी मछली ही धारा के साथ बहती है, ज़िंदा तो धारा के विपरीत भी।
स्वामी विवेकानंद
Share this on...
One Response
स्वमी विवेकानंद का लोक मूढता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में जिस धारा में जाना है उसका विचार विमर्श करके ही जानी चाहिए ताकि जीवन का कल्याण के सकता है!
One Response
स्वमी विवेकानंद का लोक मूढता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में जिस धारा में जाना है उसका विचार विमर्श करके ही जानी चाहिए ताकि जीवन का कल्याण के सकता है!