विकार
सरसरी निगाह से देखने का मतलब रूचि नहीं, सबकुछ गौण।
यदि किसी प्रिय वस्तु पर निगाह टिक गयी तो विकार आए बिना रहेगा नहीं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
सरसरी निगाह से देखने का मतलब रूचि नहीं, सबकुछ गौण।
यदि किसी प्रिय वस्तु पर निगाह टिक गयी तो विकार आए बिना रहेगा नहीं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
Is liye intrest jin dev mai hi lo
aur unke dwra swyam ki aatma mai enter ho
kyoki upyog apni aatma k station par via jindev k station hota hua jata hai,dierect kabhi nahi jata
kyoki jin dev se hokar hi swyam ke andar jane ka marg prashat hota hai
pehle intrest hota hai phir enter hota hai.