मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने वीतरागता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जैन दर्शन में मोक्ष के लिए वीतरागता ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है! Reply
1) ‘लावण्य’ ka kya meaning hai, please ? 2) Please explain meaning of ‘लवण को दूध से दूर रखना, वरना दूध दूर हो जायेगा’ ? Reply
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मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने वीतरागता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जैन दर्शन में मोक्ष के लिए वीतरागता ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है!
1) ‘लावण्य’ ka kya meaning hai, please ?
2) Please explain meaning of ‘लवण को दूध से दूर रखना, वरना दूध दूर हो जायेगा’ ?
1) लावण्य = मधुरता
2) लवण(नमक) यदि दूध में गिर जाय तो दूध फट जाता है।
Okay.