वीर्य = शक्त्ति।
अजीव में भी बहुत शक्त्ति होती है जैसे संहनन, उत्कृष्ट सातवें नरक या मोक्ष तक ले जा सकता है।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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वीर्य का मतलब शक्ति है। उपरोक्त कथन भी सत्य है कि अजीब में भी बहुत शक्ति होती है जैसे संहनन, उत्कृष्ट सातवें नरक एवं मोक्ष तक ले जा सकता है। संहनन को नो कर्म कहते हैं, जिसके कारण बदलाव होता रहता है। अतः अपने कर्मों का क्षय करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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वीर्य का मतलब शक्ति है। उपरोक्त कथन भी सत्य है कि अजीब में भी बहुत शक्ति होती है जैसे संहनन, उत्कृष्ट सातवें नरक एवं मोक्ष तक ले जा सकता है। संहनन को नो कर्म कहते हैं, जिसके कारण बदलाव होता रहता है। अतः अपने कर्मों का क्षय करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।