वृद्धावस्था में शरीर असुंदर क्यों हो जाता है ?
ताकि अब तो शारीरिक आकर्षण छोड़ कर आत्मा की ओर आकर्षित होना शुरु करो ।
बीमारियों का घर क्यों बन जाता है ?
ताकि शरीर के प्रति वैराग्य जगे, इस पर्याय से छूटते समय दु:ख ना हो ।
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वृद्धावस्था में शरीर असुंदर और बीमारियों से भर जाता है क्योंकि तब तक अपने स्वरुप यानी आत्मा का ज्ञान नहीं करता है। अतः जब अपनी आत्मा का ज्ञान हो जाता है, उससे कर्म सिद्धांत का पता चलता है एवं वैराग्य का भाव जगने पर पर्याय से छूटते समय दुःख नहीं होता हैं।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वृद्धावस्था में शरीर असुंदर और बीमारियों से भर जाता है क्योंकि तब तक अपने स्वरुप यानी आत्मा का ज्ञान नहीं करता है। अतः जब अपनी आत्मा का ज्ञान हो जाता है, उससे कर्म सिद्धांत का पता चलता है एवं वैराग्य का भाव जगने पर पर्याय से छूटते समय दुःख नहीं होता हैं।