अपने दु:खों से दुखी होना वेदना, पाप-बंध;
दूसरों के दु:खों से दुखी होना संवेदना, पुण्य-बंध ।
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वेदना का मतलब अपने दुखों को लेकर दुखी होना यानी वेदना होना यह पाप बंध का कारण रहता है, लेकिन दूसरों के दुःखी होने पर दुखी होना संवेदना माना जाता है, जबकि यह पुण्य बंध का कारण होता है। जीवन में वेदना भी होती है लेकिन बिना संवेदना के कल्याण होना सम्भव नहीं होता है।
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वेदना का मतलब अपने दुखों को लेकर दुखी होना यानी वेदना होना यह पाप बंध का कारण रहता है, लेकिन दूसरों के दुःखी होने पर दुखी होना संवेदना माना जाता है, जबकि यह पुण्य बंध का कारण होता है। जीवन में वेदना भी होती है लेकिन बिना संवेदना के कल्याण होना सम्भव नहीं होता है।