ये व्यक्तित्व की गरिमा है…
कि फूल कुछ नहीं कहते,
वरना कभी,कांटों को मसलकर दिखाइये…..
🌹🌹 (धर्मेन्द्र) 🌹🌹
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जीवन में व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए..गुलाब फूल की तरह जो कांटो के बीच घिरा रहने के बाबजूद अपनी सुगंध को फैलाये रखता है।
अतः मनुष्य का आचरण ऐसा होना चाहिए कि कहीं भी रहकर भी उसका व्यक्तित्व प़काशित होता रहे। व्यक्ति का आचरण ही व्यक्तित्व प़कट करता है।
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जीवन में व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए..गुलाब फूल की तरह जो कांटो के बीच घिरा रहने के बाबजूद अपनी सुगंध को फैलाये रखता है।
अतः मनुष्य का आचरण ऐसा होना चाहिए कि कहीं भी रहकर भी उसका व्यक्तित्व प़काशित होता रहे। व्यक्ति का आचरण ही व्यक्तित्व प़कट करता है।