व्यवधान
दीपक को जलना है, हवा को चलना है, दीपक बुझता है ।
दोष हवा का नहींं, दोनों का अपना अपना स्वभाव है ।
दीपक क्या करे ?
बस ! दीपक अपने आसपास चिमनी लगा ले, वही हवा उसे प्रकाशित बने रहने के लिये Oxygen भी देगी ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
दीपक को जलना है, हवा को चलना है, दीपक बुझता है ।
दोष हवा का नहींं, दोनों का अपना अपना स्वभाव है ।
दीपक क्या करे ?
बस ! दीपक अपने आसपास चिमनी लगा ले, वही हवा उसे प्रकाशित बने रहने के लिये Oxygen भी देगी ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
जीवन में व्यवधान अथवा रुकावट आना स्वाभाविक है, लेकिन व्यवधान को रोकना अपने हाथ में होता है, यदि ऐसा कर लेता है,वही जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।
अतः उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।