निश्चय रूपी दूध को उपयोगात्मक बनाने के लिये उसे व्यवहार के बर्तन में उबालना होता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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2 Responses
व्यवहार काल- – समय, निमेष, घड़ी,दिन,रात,मास,वर्ष आदि को कहते हैं।
निश्चय काल- – वर्तना जिसका लक्षण है वह निश्चय काल होता है। अतः यह कथन सत्य है कि निश्चय रुपी दूध को उपयोगात्मक बनाने के लिए व्यवहार के बर्तन में उबालाना होता हैं।
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व्यवहार काल- – समय, निमेष, घड़ी,दिन,रात,मास,वर्ष आदि को कहते हैं।
निश्चय काल- – वर्तना जिसका लक्षण है वह निश्चय काल होता है। अतः यह कथन सत्य है कि निश्चय रुपी दूध को उपयोगात्मक बनाने के लिए व्यवहार के बर्तन में उबालाना होता हैं।
Beautiful explanation to understand the importance of “Vyavhaar naya”!