व्रतियों की बढ़ती संख्या
व्रतियों की बढ़ती संख्या देखकर ऐसा नहीं लगता कि ब्रह्मचारियों/ब्रह्मचारिणीयों की भीड़ बढ़ती जा रही है ?
आचार्य श्री – “अन्यथा शरणं नास्ति” ऐसा सोचकर ही तो धर्म में आये हैं।
धर्म में कभी भीड़ नहीं होती क्योंकि यहाँ सब अपना-अपना कल्याण करते हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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व़ती का मतलब जो अणुव्रत या महाव्रत का पालन करते हैं। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि धर्म में भीड़ नहीं होती है वह सब अपना कल्याण करने वाले होते हैं। अतः जीवन में श्रावकों को अणुव्रत का पालन करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकें।