आहारक और मनुष्यों के शरीर – मनुष्य लोक तक ही जा सकते हैं । देवों के वैक्रियक शरीर – त्रसनाली तथा सोलहवें स्वर्ग से तीसरे नरक तक आ जा सकते हैं । तैजस और कार्मण शरीर – तीनों लोकों में भ्रमण कर सकते हैं ।
तत्वार्थ सूत्र – गाथा 2/40
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