शांतिधारा

आदिपुराण में भरत के अशुभ स्वप्न के लिये शांतिधारा करने का वर्णन आता है ।
बाद में माघनंदी कृत अभिषेक पाठ का वर्णन आता है ।
पहले शांतिधारा यंत्रों पर होती थी, भगवान से कामना नहीं करते थे ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

Share this on...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

August 18, 2018

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031