शिष्य की शिक्षा पूर्ण होने पर गुरु ने तीन चीज़ें शिष्य को दीं…
1) दीपक… जो खुद जलता है/ दूसरों को प्रकाश देता है पर अहंकार नहीं करता।
2) सुई… जो खुद उघाड़ी रहती है पर दूसरों को ढकती है/ जोड़ती है।
3) बाल… मृदुता और सरलता का प्रतीक।
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी (3 नवम्बर)
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4 Responses
आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने शिक्षा का जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में संस्कार के लिए शिक्षा में अहंकार का त्याग, एक दूसरे को जोड़ने का प़यास एवं जीवन में सरलता होना परम आवश्यक है।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने शिक्षा का जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में संस्कार के लिए शिक्षा में अहंकार का त्याग, एक दूसरे को जोड़ने का प़यास एवं जीवन में सरलता होना परम आवश्यक है।
‘बाल’, मृदुता और सरलता का प्रतीक kaise hai ? Ise explain karenge, please ?
बाल मुलायम तथा straight होते ही हैं।
Okay.