परोपकार
शुद्ध वह जिसका मन शुद्ध हो,
और मन शुद्ध होता है परोपकार से ।
(परोपकार अपना भी ।
सिर्फ अपनों का नहीं, वह तो हिंसक पशु भी करते हैं)
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
शुद्ध वह जिसका मन शुद्ध हो,
और मन शुद्ध होता है परोपकार से ।
(परोपकार अपना भी ।
सिर्फ अपनों का नहीं, वह तो हिंसक पशु भी करते हैं)
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी