श्रावक धर्म मुख्यत: क्रियात्मक,
मुनि धर्म मुख्यत: भावात्मक ।
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
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जैन धर्म में श्रावक और मुनि धर्म के लिए अलग से व्याख्या की गई है। श्रावक धर्म में मुख्यत क़ियात्मक विधियों का प़ावधान है। मुनि धर्म में भावात्मक भूमिका बताई गई है।
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जैन धर्म में श्रावक और मुनि धर्म के लिए अलग से व्याख्या की गई है। श्रावक धर्म में मुख्यत क़ियात्मक विधियों का प़ावधान है। मुनि धर्म में भावात्मक भूमिका बताई गई है।