उपरोक्त कथन सत्य है कि संबंधों की जड़ें भावनाओं युक्त होना चाहिए ताकि संबंध टुटना मुश्किल होगा। जब स्वार्थ से बने हों तो संबंध टिकना मुश्किल होता है। संबंध दूध और पानी के समान होना चाहिए,जब दूध उबलता है तब पानी की कुछ बूंदें डालने पर उफान शान्त हो जाता है। जबकि तेल और पानी के समान नहीं होना चाहिए क्योंकि तेल अपनी अकड़ के कारण पानी के ऊपर ही रहता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि संबंधों की जड़ें भावनाओं युक्त होना चाहिए ताकि संबंध टुटना मुश्किल होगा। जब स्वार्थ से बने हों तो संबंध टिकना मुश्किल होता है। संबंध दूध और पानी के समान होना चाहिए,जब दूध उबलता है तब पानी की कुछ बूंदें डालने पर उफान शान्त हो जाता है। जबकि तेल और पानी के समान नहीं होना चाहिए क्योंकि तेल अपनी अकड़ के कारण पानी के ऊपर ही रहता है।