किसी भी कार्य सिद्धि के लिये अनुकूल वातावरण बहुत महत्वपूर्ण होता है ।
और उस वातावरण को बनाये रखने के लिये संयम आवश्यक है ।
मुनि श्री समयसागर जी
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संयम का तात्पर्य व़त व समिति का पालन करना और मन वचन काय की अशुभ प्रवृत्ति का त्याग करना तथा इन्द़ियों को वश में रखना होता है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि किसी भी कार्य सिद्धि के लिए अनुकूल वातावरण महत्वपूर्ण होता है। अतः उस वातावरण के लिए संयम परम आवश्यक है। संयम से ही जीवन का कल्याण हो सकता है।
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संयम का तात्पर्य व़त व समिति का पालन करना और मन वचन काय की अशुभ प्रवृत्ति का त्याग करना तथा इन्द़ियों को वश में रखना होता है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि किसी भी कार्य सिद्धि के लिए अनुकूल वातावरण महत्वपूर्ण होता है। अतः उस वातावरण के लिए संयम परम आवश्यक है। संयम से ही जीवन का कल्याण हो सकता है।