सच्चाई
अच्छाई के माध्यम से ही सच्चाई का दर्शन होता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
अच्छाई के माध्यम से ही सच्चाई का दर्शन होता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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2 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने सच्चाई का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए सच्चाई के भाव रखना परम आवश्यक है। सच्चाई नहीं बोल पाते हैं उनको कभी झूठ के भाव नहीं रखना चाहिए।
शरीर की बुराई,
कांच के दर्पण में दिखती है।
सच्चाई के दर्पण में
सिर्फ अच्छाई दिखती है।।