सत्य
सत्याग्रही (सत्य के आग्रही) नहीं बनें, सत्यग्राही बनें — विनोबा
सत्य किसे मानें ?
वह सब सत्य है जो सच्चे देव, शास्त्र, गुरु के अनुकूल हो,
(अहिंसा/वीतरागता के अनुकूल हो)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सत्याग्रही (सत्य के आग्रही) नहीं बनें, सत्यग्राही बनें — विनोबा
सत्य किसे मानें ?
वह सब सत्य है जो सच्चे देव, शास्त्र, गुरु के अनुकूल हो,
(अहिंसा/वीतरागता के अनुकूल हो)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
6 Responses
यह कथन सही है कि जो सच्चे देव, शास्त्र और गुरु के अनुकूल है वही सत्य होता है।जब सत्य को नही मानते है तो वह सत्याग़ह का रुप बनाते हैं जिसके लिए श्री बिनोबा जी ने सत्याग़ह प़ारम्भ किया था।
What do we mean by “सत्याग्रही (सत्य के आग्रही)” please?
जो अपने-अपने सत्य का आग्रह करते हैं ।
I think , something is missing in the first line?
कथंचित कुछ missing नहीं है,
सत्य को ग्रहण करने को कहा है, अपने-अपने सत्य को लेकर आग्रह करने को मना किया है ।
Okay.