सपने चाहे दिवा के हों या रात्रि के, दोनों निद्रा टूटने पर छूट जाते हैं ।
Share this on...
One Response
आजकल, ज़्यादातर लोग शेखचिल्ली के तरह सपने लेते रहते हैं,जिससे वह सपने पूरे नहीं होते हैं। अतः जो अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं एवं दृढ़ता के साथ बढते हैं, वही लोग सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सपनों का कोई महत्त्व नहीं होता है, अतः सपनों से दूर रहें ।
One Response
आजकल, ज़्यादातर लोग शेखचिल्ली के तरह सपने लेते रहते हैं,जिससे वह सपने पूरे नहीं होते हैं। अतः जो अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं एवं दृढ़ता के साथ बढते हैं, वही लोग सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सपनों का कोई महत्त्व नहीं होता है, अतः सपनों से दूर रहें ।