असल में वही जीवन की चाल समझता है…
जो सफ़र में आयी धूल को गुलाल समझता है ।
(अनुपम चौधरी)
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सफ़र का मतलब यात्रा करना होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि जीवन की यात्रा में जो उसकी चाल समझता है कि सफ़र में आयी हुई धूल को गुलाल समझता हो। अतः जीवन में ऐसा सफ़र करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता हो।
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सफ़र का मतलब यात्रा करना होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि जीवन की यात्रा में जो उसकी चाल समझता है कि सफ़र में आयी हुई धूल को गुलाल समझता हो। अतः जीवन में ऐसा सफ़र करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता हो।