समता का तात्पर्य शत्रु मित्र में,सुख दुख में लाभ अलाभ और जय पराजय में हर्ष विवाद नहीं करना या साम्य भाव रखना ही समता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि चुप रहना समता नहीं है, बल्कि उससे प़भावित न होना समता है। Reply
One Response
समता का तात्पर्य शत्रु मित्र में,सुख दुख में लाभ अलाभ और जय पराजय में हर्ष विवाद नहीं करना या साम्य भाव रखना ही समता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि चुप रहना समता नहीं है, बल्कि उससे प़भावित न होना समता है।