घर वापसी
गायें शाम को लौटतीं हैं। उस बेला को गोधूलि कहते हैं। वह शुभ मानी जाती है, क्योंकि गायें अपने प्यार को सँजो कर बच्चों से मिलने आती हैं।
पुरुषों को काम से आते समय इन्हीं भावों से घर में घुसना चाहिये। महिलाओं को भी पुरुषों के लौटते ही शिकायतों का सिलसिला शुरू नहीं कर देना चाहिये। पुरुषों को भी बाहर की समस्याओं की चर्चा घरवालों से नहीं करना चाहिये, ताकि वे स्वयं सकारात्मक रह सकें, और घर का वातावरण भी सकारात्मक रहे।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि घर के वातावरण को बनाये जाने के लिए गोमाता का आर्दश मान कर चलना चाहिए ताकि परिवार का वातावरण अच्छा रहेगा। पुरुषों को चाहिए कि बाहर का कार्य घर पर नहीं करना चाहिए। अतः घर आकर शिकायतों चाहें पत्नी की या पति की हों, उससे दूर रहना चाहिए ताकि जीवन में शांति उपलब्ध हो सकती है। जीवन में हर समस्या के लिए सकारात्मक सोच रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
This is a very practical and simple solution to avoid conflicts and instill positivity in family members !!