समस्या / व्यवस्था
समस्या को व्यवस्था में बदल लें/ कर लें, तो समस्या, समस्या नहीं रहती/ दु:ख नहीं होता।
जैसे कांटा लगा (समस्या), सुई की व्यवस्था की, कांटा निकाल लिया, दु:ख समाप्त।
मुनि श्री सुधासागर जी
समस्या को व्यवस्था में बदल लें/ कर लें, तो समस्या, समस्या नहीं रहती/ दु:ख नहीं होता।
जैसे कांटा लगा (समस्या), सुई की व्यवस्था की, कांटा निकाल लिया, दु:ख समाप्त।
मुनि श्री सुधासागर जी
5 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि समस्या को व्यवस्था में बदल लें या कर लें तो समस्या, समस्या नहीं रहती है एवं दुःख नहीं होता है! जैसे काँटा लगा तो सूई की मदद से कांटा निकल जाता है तो दुख समाप्त हो जाता है! अतः जीवन के कल्याण के लिए समस्या को व्यवस्था में बदल देना चाहिए!
Yahan par ‘व्यवस्था’, ‘solution’ ko symbolize karta hai, right ?
सही।
Okay.
अगर समस्या आपको
करें व्यवस्था आप।
बार बार रटने से,
बने समस्या श्राप।।
बने समस्या श्राप,
इस को बांटे अपनों में।
समाधान नहीं मिलता,
राम नाम जपने में।।
लोग जो होंगे अपने,
सहयोग करेंगे पूरा।
चट्टान बनी समस्या,
होगी चूरा चूरा।।