लोहा अग्नि के सम्पर्क में अग्नि जैसा, लेकिन लोहा अग्नि नहीं।
“पर” के निमित्त से “मैं” अशांत लेकिन अशांत मेरा स्वभाव नहीं।
शांतिपथप्रदर्शक
Share this on...
One Response
सम्पर्क का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में पर से सम्पर्क कम करना चाहिए ताकि मन अंशात नही होगा। अतः जीवन में सम्पर्क की जगह सम्बंध बनाना चाहिए ताकि जनता का कल्याण हो सकता है।
One Response
सम्पर्क का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में पर से सम्पर्क कम करना चाहिए ताकि मन अंशात नही होगा। अतः जीवन में सम्पर्क की जगह सम्बंध बनाना चाहिए ताकि जनता का कल्याण हो सकता है।