1. प्राकृतिक – माता-पिता/बेटे-बेटी के
2. सम्पादित – दोस्ती/शादी-पति/पत्नि
धर्म में दोनों उपादेय नहीं ।
3. त्रैकालिक – वांछनीय
मुनि श्री महासागर जी
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4 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि प्राकृतिक एवं सम्पादित यह दोनों धर्म में उपादेय नहीं है बल्कि निमित्त होते हैं। अतः त्रैकालिक सम्बंध बांछनीय होते हैं,जिसको निभाना आवश्यक है।
संपादन में suitable का चयन किया जाता है/ unwanted को छोड़ दिया जाता है ।
जैसे दोस्तों/ पति-पत्नी के selection में संपादित करके suitable को चुना जाता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि प्राकृतिक एवं सम्पादित यह दोनों धर्म में उपादेय नहीं है बल्कि निमित्त होते हैं। अतः त्रैकालिक सम्बंध बांछनीय होते हैं,जिसको निभाना आवश्यक है।
“सम्पादित” ka shabdik arth kya hai, please?
संपादन में suitable का चयन किया जाता है/ unwanted को छोड़ दिया जाता है ।
जैसे दोस्तों/ पति-पत्नी के selection में संपादित करके suitable को चुना जाता है।
Okay.