सम्यग्दर्शन/ मिथ्यादर्शन, भव्यता/ अभव्यता हमारे क्षयोपशमिक-ज्ञान का विषय नहीं हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विघासागर महाराज जी ने सम्यगदर्शन पर जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीवन में यह सब ज्ञान का विषय नहीं है बल्कि जीवन में सम्यगदर्शन के लिए मिथ्यादर्शन आदि को छोडना परम आवश्यक है ताकि जीवन में सम्यगदर्शन मिल सकता है एवं जीवन का कल्याण हो सकता है!
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आचार्य श्री विघासागर महाराज जी ने सम्यगदर्शन पर जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीवन में यह सब ज्ञान का विषय नहीं है बल्कि जीवन में सम्यगदर्शन के लिए मिथ्यादर्शन आदि को छोडना परम आवश्यक है ताकि जीवन में सम्यगदर्शन मिल सकता है एवं जीवन का कल्याण हो सकता है!