5 लब्धियाँ प्रथमोपशम के समय, क्षयोपशम सम्यग्दर्शन के समय नहीं, सिर्फ सम्यग्दर्शन के भाव तथा सम्यक् प्रकृति का उदय।
क्षायिक सम्यग्दर्शन में भी लब्धि नहीं, केवली के पादमूल में सम्यग्दर्शन के भाव।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (शंका-समाधान- 11)
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने सम्यग्दर्शन एवं लब्धि को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने सम्यग्दर्शन एवं लब्धि को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।