तलवार की धार पर रखी पानी की बूँद कटती नहीं है बल्कि मोती की तरह चमकती है ।
ऐसे ही सम्यग्दृष्टि कुतर्कों से !
मुनि श्री सुधासागर जी
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सम्यग्दर्शन का मतलब सच्चे देव शास्त्र और गुरु के प्रति श्रद्वान का नाम है अथवा जिनेन्द्र भगवान द्वारा कहे गए सात तत्त्वों के यथार्थ को कहते हैं। इसमें चार प्रकार की बातों का ध्यान रखना होता है…
1 बुरा मत मानो 2 बैर मत रखो 3 सत्य आचरण करना इसी में धर्म प्रभावना होती है 4 पर निंदा नहीं करना चाहिए।
अतः यह कथन सत्य है कि तलवार की धार पर पानी की बूंद कटती नहीं है बल्कि मोती की तरह चमकती है। इसी प्रकार सम्यग्दर्शन मोती की तरह है लेकिन जिसको सम्यग्द्ष्टि कुतर्कों से उसे कटने/टूटने नहीं देता ।
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सम्यग्दर्शन का मतलब सच्चे देव शास्त्र और गुरु के प्रति श्रद्वान का नाम है अथवा जिनेन्द्र भगवान द्वारा कहे गए सात तत्त्वों के यथार्थ को कहते हैं। इसमें चार प्रकार की बातों का ध्यान रखना होता है…
1 बुरा मत मानो 2 बैर मत रखो 3 सत्य आचरण करना इसी में धर्म प्रभावना होती है 4 पर निंदा नहीं करना चाहिए।
अतः यह कथन सत्य है कि तलवार की धार पर पानी की बूंद कटती नहीं है बल्कि मोती की तरह चमकती है। इसी प्रकार सम्यग्दर्शन मोती की तरह है लेकिन जिसको सम्यग्द्ष्टि कुतर्कों से उसे कटने/टूटने नहीं देता ।