सहायता आदि शुभकर्म गृहस्थ अवस्था में ही कर सकते हो, सो कर लो ! मुनि बनने के बाद अपने कमण्डल का पानी भी प्यासे को नहीं पिला पाओगे । गृहस्थ तो पेट्रोल हैं, धर्म की/मुनि रूपी गाड़ियों के लिये ।
मुनि श्री अविचलसागर जी
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