आज के युवाओं का सोच – Enjoy.
अध्यात्म का – In-Joy.
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
Share this on...
2 Responses
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने सोच का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः सोच आनन्द के लिए नहीं बल्कि सकारात्मक एवं आध्यात्मिक सोच रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
2 Responses
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने सोच का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः सोच आनन्द के लिए नहीं बल्कि सकारात्मक एवं आध्यात्मिक सोच रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
Difference between the two is very subtle but important !