मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने स्व एवं स्वरुप संवेदन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में आत्मा का ज्ञान होगा वही आत्म संवेदन होगा। Reply
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने स्व एवं स्वरुप संवेदन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में आत्मा का ज्ञान होगा वही आत्म संवेदन होगा।