अंत समय की गवाही “कलम बद्ध” होती है। उसकी प्रमाणिकता को Challenge नहीं किया जाता है।
ऐसे ही अंत समय के परिणाम “कर्म बद्ध” होते हैं, वैसे ही परिणाम अगले भव में साथ-साथ जाते हैं।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने अंत की भावना का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अगले भव के लिए अच्छे परिणाम करना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने अंत की भावना का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अगले भव के लिए अच्छे परिणाम करना परम आवश्यक है।