बुद्धू को अकल की बात बताओ तो उल्टा पड़ जाता है।
तुम क्यों बता रहे हो?
क्या मुझ में अकल नहीं है?
क्या हम सब भी गुरूओं/भगवान की बातों को उल्टा नहीं ले रहे?
चिंतन
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One Response
अकल्मंद का तात्पर्य अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि बुद्धू को अकल यानी समझ की बात बताते है तो उल्टा पड़ जाता है। जिसमें अक्ल नहीं होती है तो वह सभी गुरुजनों और भगवान की बातों को उल्टा ही लेते हैं। अतः अपनी अक्ल यानी बुद्वी को बढ़ाने का प्रयास करना आवश्यक है/ गुरुओं और भगवान की बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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अकल्मंद का तात्पर्य अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि बुद्धू को अकल यानी समझ की बात बताते है तो उल्टा पड़ जाता है। जिसमें अक्ल नहीं होती है तो वह सभी गुरुजनों और भगवान की बातों को उल्टा ही लेते हैं। अतः अपनी अक्ल यानी बुद्वी को बढ़ाने का प्रयास करना आवश्यक है/ गुरुओं और भगवान की बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।