ज्ञात / अज्ञात

पंडित लोग प्राय: अज्ञात/अंदर के विषयों की चर्चा करते हैं जैसे आत्मादि,
जबकि साधुजन ज्ञात/बाह्य क्रियाओं की ।
क्योंकि पंडित प्राय: आचरणों से दूर रहते हैं और साधुजन प्राथमिकता देते हैं ।

चिंतन

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One Response

  1. ज्ञात का मतलब जानना जबकि अज्ञात का मतलब पूरी जानकारी नहीं होती है।
    अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि पंडित लोग प़ाय आज्ञात एवं अंदर के विषयों की चर्चा आदि करते हैं लेकिन साधुजन ज्ञात और ब़ाम्ह क़ियायों को महत्व देते हैं। इसका तात्पर्य पंडित लोग आचरणों से दूर रहते हैं जबकि साधुजनों के लिए प्राथमिकता रहती है।

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