अनुभव
कला जानना एक बात है, रसिक होना और बात है ।
बांसुरी सुनकर मूर्ख भी दिखाता है कि उसे आनंद आ रहा है, पर असली में आनंद का अनुभव मृग ही लेता है ।
कला जानना एक बात है, रसिक होना और बात है ।
बांसुरी सुनकर मूर्ख भी दिखाता है कि उसे आनंद आ रहा है, पर असली में आनंद का अनुभव मृग ही लेता है ।