अपराधी को सज़ा से पाप कर्म कट भी सकता है और बढ़ भी सकता है ।
(अपराधी की मनःस्थिति के अनुसार)
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जीवन में लोग अपराध ओर पाप के कायँ करता रहता है लेकिन अपराध की सजा कानून के अनुसार मिल सकता है।जो लोग पाप के कायँ करते हैं वह उनके कमोँ में जुडता रहता था जिसका फल अगले भावो ये भोगना पड़ता है।अतः जीवन में पाप के कायोँ से बचना चाहिए।अपराध की सजा तो मिलती है लेकिन उसका कुछ हिस्सा कमोँ में भी जुडता है।
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जीवन में लोग अपराध ओर पाप के कायँ करता रहता है लेकिन अपराध की सजा कानून के अनुसार मिल सकता है।जो लोग पाप के कायँ करते हैं वह उनके कमोँ में जुडता रहता था जिसका फल अगले भावो ये भोगना पड़ता है।अतः जीवन में पाप के कायोँ से बचना चाहिए।अपराध की सजा तो मिलती है लेकिन उसका कुछ हिस्सा कमोँ में भी जुडता है।